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breast cancer ka ayurvadic ilaz in hindi


breast cancer ka ayurvadic ilaz in hindi 


 पुरुषों में कैंसर

कैंसर के शुरूआती लक्षणों को अगर पहचान लिया जाये तो इसे खतरनाक स्टेज तक जाने से रोका जा सकता है। शुरुआती अवस्था में पहचान होने के बाद इसके उपचार में आसानी भी होती है और इसके कारण होने वाली मौतों को भी रोका जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक पुरुषों में कैंसर से होने वाली मृत्यु में 31 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर, 10 प्रतिशत प्रोस्टेट, 8 प्रतिशत कोलोरेक्टल, 6 प्रतिशत पैंक्रिएटिक और 4 प्रतिशत लिवर कैंसर से होती हैं। इसलिए इसके शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।


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cancer ka pakka ilaz
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आंत में समस्‍या

आंतों में सामान्‍य समस्‍या होना बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर लगातार आंतों में समस्‍या है तो यह कोलेन या कोलोरेक्‍टल कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। डायरिया और अपच की समस्‍या इस लक्षण को दर्शाते हैं। इसके कारण पेट में गैस और पेट में दर्द की समस्‍या भी हो सकती है।


खून का बहना

लगातार खून का बहना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर कैंसर की संभावना है तो इसके कारण खून मलाशय के द्वारा बाहर निकलता है। य‍ह कोलेन कैंसर का लक्षण है। हालांकि यह समस्‍या 50 की उम्र के बाद होती है, लेकिन वर्तमान लाइफस्‍टाइल के कारण यह किसी भी उम्र में हो सकती है।

मूत्राशय में बदलाव

मूत्र त्यागने के समय अगर पीड़ा होती हो अथवा मूत्र में रक्त की मौजूदगी पाई जाती हो तो ये प्रोस्टेट कैंसर अथवा डिम्बग्रंथि कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। मूत्र असंयम की समस्‍या भी कैंसर का लक्षण हो सकती है।

टेस्टिकल्‍स में बदलाव

टेस्टिकल्‍स का बदलना, टेस्टिकुलर कैंसर संकेत हो सकता है। अगर आपके टेस्टिकल्‍स का आकार बढ़ रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें। टेस्टिकुलर कैंसर ज्‍यादातर 20 से 39 साल की उम्र में होता है।

पीठ में दर्द होना

काम की अधिकता और कुर्सी पर गलत पोस्‍चर में बैठने के कारण पीठ में दर्द होना सामान्‍य है। लेकिन अगर लगातार पीठ में दर्द हो रहा हो तो यह कोलोरेक्‍टल या प्रोस्‍टेट कैंसर का कारण हो सकता है। इसके अलावा कमर के आसपास की मांसपेशियों में भी दर्द होता है।

वजन कम होना

अगर बिना किसी कारण के आपका वजन कम हो रहा है तो कैंसर का शुरूआती लक्षण हो सकता है। बिना किसी प्रयास के शरीर का वजन 10 पौंड से ज्यादा कम हो जाये तो इसे कैंसर के प्राथमिक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।

लगातार खांसी आना

कोल्‍ड और फ्लू के अलावा धूम्रपान करने वालों को खांसी आती है। लेकिन अगर बिना किसी कारण से लगातार खांसी आये तो यह लंग कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। अगर खांसी के साथ खून भी आये तो मामला गंभीर है।

थकान लगना

बेवजह लगातार थका-थका महसूस करना कैंसर का शुरुआती लक्षण है। कैंसर की शिकायत होने पर मरीज बिना वजह थका-थका महसूस करता है। कभी-कभी तो वह हाथ पांव से काम करने लायक भी नहीं रहता।


बुखार होना

बुखार कैंसर का एक सामान्य लक्षण होता है। कैंसर के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके कारण शरीर बीमारियों से खुद की रक्षा नहीं कर पाता और अक्सर बुखार की शिकायत होती है। ब्लड कैंसर, ल्यूकीमिया इत्यादि में अक्सर बुखार के लक्षण नजर आते हैं।

बुखार होना

बुखार कैंसर का एक सामान्य लक्षण होता है। कैंसर के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके कारण शरीर बीमारियों से खुद की रक्षा नहीं कर पाता और अक्सर बुखार की शिकायत होती है। ब्लड कैंसर, ल्यूकीमिया इत्यादि में अक्सर बुखार के लक्षण नजर आते हैं।

खराब से खराब लिवर को सही करती है ये 10 रुपये की चीज!
लीवर में किसी तरह की परेशानी है तो दवाओं के साथ इन देसी चीजों का भी सेवन करें। इससे लीवर पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।

1आंवले की सब्जी

हेपेटाइटिस में व्यक्ति का लिवर (यकृत) ठोस हो जाता है जिससे पेट संबंधी कई परेशानियां होने लगती हैं। इससे बचने के लिए आंवले की सब्जी रामबाण इलाज मानी जाती है। आंवले के टुकड़ों में काली मिर्च, धनिया व हल्का सेंधा नमक मिलाकर सब्जी बनाएं औऱ फिर खाएं। इस सब्जी से लीवर की कठोरता व सूजन में लाभ मिलता है।

गिलोय है असरकार

गिलोय स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर लीवर से संबंधित किसी तरह की समस्या है तो नियमित तौर पर रोजाना 15 मिलिलीटर ताजा गिलोय के रस में 20-25 किशमिश कूटकर मिलाकर पिएं। इससे लीवर संबंधित बीमारियां ठीक हो जाएंगी। साथ ही पेट में जलन की समस्या से भी आराम मिलेगा।

पत्तों का रस

अगर हेपेटाइटिस की समस्या है या हेपेटाइटिस की वजह से लीवर में खराबी पैदा हो गई है तो मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते व पालक के पत्तों (तीनों 250 ग्राम मात्रा में) या मेथी के पत्तों का जूस लें और फिर इसमें 50 ग्राम चीनी व एक चम्मच काला नमक मिला कर पिएं। इससे हेपेटाइटिस की बीमारी ठीक हो जाएगी साथ ही लीवर भी स्वस्थ रहेगा। इससे खून की कमी भी दूर होती है।


4 इलाइची व सोंठ

अगर आसपास के मार्केट में ये पत्ते नहीं मिलते हैं तो घर में मौजूद कुटकी, चिरायता, सौंफ, इलाइची व सोंठ का इस्तेमाल करें। इन चीजों की एक-एक चौथाई चम्मच समान मात्रा में लेकर दो चम्मच पानी मिलाएं। फिर इसे हल्का गुनगुना कर के पी लें। इससे भी लीवर से जुड़ी परेशानियां ठीक हो जाती हैं।

5  प्रोटीन डाइट लें

<p>शरीर का सबसे अधिक क्रियाशील हिस्सा लीवर है। हेपेटाइटिस इसी हिस्से को नुकसान पहुंचाता है। हेपेटाइटिस से बचने के लिए रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत रखना जरूरी है। इसके लिए प्रोटीन व विटामिनयुक्त चीजें जैसे दालें, सोयाबीन, दूध व दूध से निर्मित पदार्थ, हरी सब्जियां, फल व सूखे मेवे आदि को डाइट में शामिल करें। शाकाहारी भोजन लें व नियमित व्यायाम करें।

कैंसर कभी नहीं आएगा पास, अगर रोजाना खाएंगे ये 5 आहार
कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव करना है तो अपने आहार में बदलाव कीजिए, इस स्लाइडशो में जानें किन आहारों में कैंसररोधी गुण हैं।


1  जानलेवा है कैंसर

कैंसर दुनियाभर के लोगों के लिए चुनौती है। इसके मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। भारत में भी कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कैंसर का समय पर उपचार न किया जाये तो वह जानलेवा हो सकता है। लेकिन क्यार आप जानते हैं कुछ आहार ऐसे भी हैं जिनके सेवन से कैंसर आपके पास भी नहीं भटकेगा और अगर कोई कैंसर का मरीज है तो इन आहारों का सेवन करके वह कैंसर जैसी बीमारी को हरा सकता है। इन आहारों में ऐसे पोषक तत्वर हैं जो कैंसर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं का खात्मा करते हैं। इस स्लाइडशो में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

2   गुणकारी हैं लहसुन और प्याज

लहसुन और प्याज ऐसे आहार हैं जिनका प्रयोग आप लगभग हर तरह के पकवान में कर सकते हैं। अगर आप इससे दूरी बनाये हुए हैं तो इसका प्रयोग आज से ही करना शुरू कर दें। लहसुन और प्याज में सल्फर कंपाउंड होता है जो बड़ी आंत, ब्रेस्ट, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं का खात्मा करता है। इसके अलावा लहसुन ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है। यह इंसुलिन उत्पादन को कम करके शरीर में ट्यूमर नहीं होने देता, ट्यूमर कैंसर के लिए जिम्मेरदार कारकों में से एक है।

3  इन सब्जियों का करें सेवन

आप हर रोज कई सब्जियों का सेवन करते होंगे। लेकिन क्यार आप जानते हैं कुछ सब्जियां ऐसी भी हैं जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में सहायक हैं। फूलगोभी और ब्रोकोली ऐसी सब्जियां हैं जिसमें कैंसररोधी अणु होते हैं। ये दोनों डिटोक्सीफिकेशन एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं का खात्मा कर ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं। इनके सेवन से फेफड़े, प्रोस्टेट, मूत्राशय और पेट के कैंसर का जोखिम कम होता है।

4  सीताफल और गाजर

सीताफल बहुत ही गुणकारी हरी सब्जी है। इसके अलावा गाजर भी ऐसा गुणकारी आहार है जो कैंसर के वार को आसानी से बेकार कर सकता है। सीताफल और गाजर में अल्फा और बीटा नामक कैरोटीन्स होते हैं, जो कैंसर को ख़त्म करने वाले शक्तिशाली कारक के रूप में जाने जाते हैं। इनके सेवन से गर्भाशय, मूत्राशय, पेट और स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर की रोकथाम होती है।

5  फलियां और दाल

दाल आसानी से उपलब्ध होने वाला आहार है जिसका सेवन आप साल के 12 महीने कर सकते हैं। इनमें प्रोटीन के अलावा फाइबर और फोलेट होता है। जिससे पैनक्रियाज के कैंसर का खतरा कम होता है। इसके अलावा फलियों में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो बड़ी आंत की कोशिकाओं के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इनके अलावा टमाटर, तरबूज, पपीता, आदि का सेवन करने से कैंसर पास भी नहीं भटकता और ये आपको स्वस्थ भी रखते हैं।


पुरुषों को जानने चाहिए प्रोस्‍टेट कैंसर के 7 लक्षण

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशकों में भारत सहित विश्‍व के सभी देशों के पुरुषों में प्रोस्‍टेट कैंसर के मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है, आप भी इसके लक्षणों को जानें।

1   प्रोस्‍टेट कैंसर के लक्षण

प्रोस्‍टेट कैंसर केवल पुरुषों को होता है, क्‍योंकि प्रोस्‍टेट ग्रंथि पुरुषों में होती है। उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्‍टेट कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशकों में प्रोस्‍टेट कैंसर के मामले भारत सहित पूरे देश में बढ़ रहे हैं। कैंसर का यह प्रकार 60 से अधिक उम्र वाले पुरुषों के प्रोस्टेट ग्रंथि में होने की संभावना अधिक होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की एक ऐसी होती है जो युरेथरा (पेशाब की नली) के चारों ओर होती है। इसका काम काम वीर्य में मौजूद एक द्रव पदार्थ का निर्माण करना है। अगर इसके लक्षण शुरूआती दौर में पता चल जाये तो इसे गंभीर होने से बचाया जा सकता है।

2  पेशाब करने में समस्‍या

पेशाब करने में समस्‍या ही प्रोस्‍टेट कैंसर के प्रमुख लक्षण है। प्रोस्‍टेट ग्रंथि बढ़ने के कारण पेशाब करने में परेशानी होती है। रात में बार-बार पेशाब जाना, अचानक से पेशाब निकल आना, पेशाब रोकने में समस्‍या, आदि लक्षण प्रोस्‍टेट कैंसर में दिखाई पड़ते हैं। अगर पेशाब करने में समस्‍या कई दिनों तक बनी रहे तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें, यह कैंसर हो सकता है।

3  टेस्टिकल्‍स में बदलाव

हालांकि टेस्टिकल्‍स में बदलाव टेस्टिकुलर कैंसर का संकेत हो सकता है। लेकिन प्रोस्‍टेट ग्रंथि में ही टेस्टिक्‍स होते हैं जो प्रोस्‍टेट कैंसर के कारण बदल सकते हैं। अगर आपके टेस्टिकल्‍स का आकार बढ़ रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें। इसके आलाव टेस्टिकल्‍स में किसी भी तरह का बदलाव प्रोस्‍टेट कैंसर से संबंधित हो सकता है। अपने टेस्टिकल्‍स की नियमित रूप से जांच कीजिए, टेस्टिकल्‍स की जांच आप स्‍वयं कर सकते हैं। अगर आपको किसी भी प्रकार का बदलाव दिखे तो इसकी जांच करायें।

4   खून निकला

प्रोस्‍टेट कैंसर के कारण पेशाब के साथ खून भी आयेगा, इसके अलावा मल के साथ भी खून निकल सकता है। प्रोस्‍टेट कैंसर के अलावा कोलेन, किडनी, ब्‍लैडर कैंसर में भी खून निकलता है। लगातार खून का निकलना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर कैंसर है तो इसके कारण खून मलाशय के द्वारा बाहर निकलता है। हालांकि यह समस्‍या 50 की उम्र के बाद होती है, लेकिन वर्तमान लाइफस्‍टाइल के कारण यह किसी भी उम्र में हो सकती है।


5    त्‍वचा में बदलाव

अगर शरीर के किसी भी हिस्‍से की त्‍वचा में किसी भी प्रकार का बदलाव हो तो चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए। त्‍वचा में असामान्य रूप से परिवर्तन होना कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति की त्वचा बेवजह सांवली या काली पड़ने लगी हो तो इसे नजअंदाज न करें। त्वचा का पीला पड़ना भी प्रोस्‍टेट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

6  दर्द होना

अगर आप बहुत काम करते हैं और देर तक कुर्सी पर बैठते हैं तो कमर, पीठ आदि जगह दर्द होना सामान्‍य है। लेकिन बिना किसी समस्‍या के शरीर के किसी भी हिस्‍से में लगातार दर्द होना कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर लगातार पीठ में दर्द हो रहा हो तो यह कोलोरेक्‍टल या प्रोस्‍टेट कैंसर का कारण हो सकता है। इसके अलावा कमर के आसपास की मांसपेशियों में भी दर्द होता है। इससे नजरअंदाज न करें।

7   वजन कम होना

अगर बिना किसी कारण के आपका वजन कम हो रहा है तो कैंसर का शुरूआती लक्षण हो सकता है। वजन कम करने वाले किसी प्रयास के बिना ही शरीर का वजन 10 पौंड से ज्यादा कम हो जाये तो इसे कैंसर के प्राथमिक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है। कैंसर होने के बाद खाना अच्‍छे से नहीं पचता और पाचन क्रिया भी सही तरीके से काम नहीं करती है, जिसके कारण शरीर का वजन कम होने लगता है।

8   थकान और बुखार

प्रोस्‍टेट कैंसर होने पर व्‍यक्ति के शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके कारण शरीर बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। सामान्‍य से फ्लू का भी बचाव शरीर नहीं कर पाता है। लगातार खांसी आना, बुखार होना, थकान की समस्‍या बने रहना, आदि प्रोस्‍टेट कैंसर के शुरूआती लक्षण हैं। इसके अलावा व्‍यक्ति के मुंह में भी बदलाव होता है।


इन 4 तरीकों से कम कर सकती हैं ओ‍वेरियन कैंसर का खतराकुछ युक्तियां जो महिलाओं में डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर के जोखिम को रोकने में मदद कर सकती हैं।


ओवेरियन कैंसर

आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं में जितने भी प्रकार के कैंसर होते हैं, उनमें डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर आठवां सबसे आम कैंसर है। मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, एडवांस्ड स्टेज तक पहुंचने और जल्दी मृत्यु होने का मुख्य कारण यह है कि अंतिम समय तक कई महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण प्रकट ही नहीं होते। हालांकि कुछ युक्तियां जो महिलाओं में डिंबग्रंथि या ओवेरियन कैंसर के जोखिम को रोकने में मदद कर सकती हैं।

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